सूरज पहले जितनी गर्मी देता था, वो अभी भी उतनी ही गर्मी देता है. सूरज पहले जितनी गर्मी देता था, वो अभी भी उतनी ही गर्मी देता है.
नहीं सकूंगा अर्थात्, मन को स्थिर करते हो, क्यों नहीं सकोगे, कोशिश तो करो। नहीं सकूंगा अर्थात्, मन को स्थिर करते हो, क्यों नहीं सकोगे, कोशिश तो करो।
हर रोज घड़ी दो घड़ी ठहर जाता हूँ, किसी सुनसान जगह पे जहाँ थके धड़कनों को सुकून मिले, हर रोज घड़ी दो घड़ी ठहर जाता हूँ, किसी सुनसान जगह पे जहाँ थके धड़कनों क...
बदलाव जरूर आया है परिवर्तन का युग है.... बस ,गाड़ी ,बिजली, पानी , स्कूल, हस्पताल ,क बदलाव जरूर आया है परिवर्तन का युग है.... बस ,गाड़ी ,बिजली, पानी , स्कू...
यह देखकर फूल को गर्व हुआ इधर उधर देखने लगा कुरूप जड़ को देख कर दिल जड़ का वेदने लग यह देखकर फूल को गर्व हुआ इधर उधर देखने लगा कुरूप जड़ को देख कर दिल जड़ क...
जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना, जब से छोड़ा शरीर ने साथ निभाना मेरा सांवरा सैंया बनाए प्यार से खाना,